उड़ आसमानो में,
ख़्वाबों के पंख लिए
लड़ता रह इन हवाओं से,
जब तक भी तू जिए
रोकेंगे राह तेरी
तोड़ेंगे चाह तेरी
चूम उन उचाईयूं को,
बिना किसी की परवाह किये
उड़ आसमानो में,
ख़्वाबों के पंख लिए
आँधियों से न तू डर
कर तूफानों की न फिकर
दो पल में ये थम जाएंगे,
नया एक लक्ष्य छोड़ जाएंगे
रख खुद को तयार,
हर मंजर के लिए
उड़ आसमानो में,
ख़्वाबों के पंख लिए
लंबी तू उड़ान भर
मंजिल हर आसान कर
आग जो उठी है दिल में,
कर रोशन चाहत के दिए
उड़ आसमानो में,
ख़्वाबों के पंख लिए
लड़ता रह इन हवाओं से,
जब तक भी तू जिए
बड़े मुखालिफ से तू ना घबरा ऐ उकाब
ये तो चलती है तुझे ऊँचा उड़ानें के लिए
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very well said mam 🙂
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आँधियों से तू न डर – – – – – –
।बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति हुई है।
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Reblogged this on मेरी कलम से….
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